देवायण ब्रह्म कल्प : खंड 2 भाग 1
महाकाव्य देवायण के द्वितीय खंड के भाग एक में, हमें त्रेता युग के बारे में जानकारी मिलती है। यह हमें रजत युग में होने वाली घटनाओँ का विवरण देता है। इनमें, एक ओर, देवताओं, शूरवीर राजाओँ और ऋषियों की कहानियाँ है, तो वहीं दूसरी ओर कलि, शनि और शुक्राचार्य और उनके साथ-साथ युवा रावण, कुंभकर्ण और विभीषण के आख्यान भी हैं। इसमें सूर्यवंशी राजाओँ - हरिश्चन्द्र, उनके पुत्र रोहिताश्व, उनके पुत्र काकुस्थ और उनके पुत्र इक्ष्वाकु के जीवन और शासनकाल के वृत्तांत भी सम्मिलित हैं। इस भाग में केवल इक्ष्वाकु के शासनकाल का पहला भाग मौजूद है, शेष इस खंड के दूसरे भाग में है। यह राजा उत्कृष्ट व्यक्तित्वों के स्वामी थे जो असुरों के कुचक्रों को पराजित कर सकते थे एवं देवताओँ और ऋषियों की सहायता करने भी आते थे। प्रकाश और अंधकार बलों का संघर्ष जारी रहता है। हम ऋषियों एवं उनके शिष्यों के बीच वार्तालापों तथा उनके द्वारा दी गई शिक्षा का एक अंश बन जाते हैं। आत्मा का निर्माण कैसे किया गया, जीवन से हो कर इसकी यात्रा तथा इसके द्वारा शरीर का त्याग किए जाने का विवरण – हम इन रोचक एवं दिलचस्प व्याख्याओँ के सहभागी बन जाते हैं। पूरे कथानक में उस समय होने वाली घटनाओँ का विस्तृत वर्णन है जो विस्मयविमुग्ध कर देता है। सर्वोपरि, सभी घटनाओँ का विवरण सही क्रमिक क्रम में दिया गया है, जिससे अतीत का वह भूला-बिसरा युग वर्तमान के समान जीवंत हो उठता है।
PURCHASE INFORMATION
Ms. Jyotsna Khandelwal
Moonlight Books:- 20 Ekjot Apartment, Pitampura Road, No. 44, Delhi-110034, India.
Email: moonlightbooks@gmail.com
Web: www.moonlightbooks.in
Amita Nathwani
Contact address - nilesh.nathwani@aon.at | amitanathwani@gmail.com