देवायण की कथाएं 1

यह भारत के तीसरे महाकाव्य देवायण की कथाओं का सर्वप्रथम प्रकाशन है। यह महाकाव्य उतना ही भव्य और अद्भुत है जितना कि जीवात्मा हो सकती है। यह पुस्तक सुगठित कहानियों का संकलन है जिसे ना केवल भारतीय पाठकों द्वारा, बल्कि उन पाठकों द्वारा भी सराहा जायेगा, जो भारतीय पौराणिक कथाओं को जानने में रूचि रखते हैं। प्रत्येक कहानी गहन संदेशों से युक्त रुचिकर और ज्ञानपूर्ण है। इन्हें सरल हिंदी के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाने का प्रयत्न किया गया है, जिससे इसके पुराने संस्करणों को एक नया आयाम मिलता है। इनमें से कुछ कहानियों से हम पहले से परिचित हैं। इन्हें हमने अपने दादा-दादी या नाना-नानी से सुना है, जबकि अन्य कहानियां ज्यादा प्रचलित नहीं हैं। सभी कहानियों में एक गूढ़ और अज्ञात तत्व शामिल है, जो हमारे चारों ओर मौजूद अच्छी-बुरी, रहस्यमयी शक्तियों की भूमिका के बारे में हमें जागरूक करता है। ये कहानियां मानवता की पथप्रदर्शक हैं और हमें सच्चाई के मार्ग पर चलना सिखाती हैं। इनमें से प्रत्येक कहानी हमारे हृदय को स्पर्श करती है और अंतर्मन की गहराई तक बस जाती है। लेखिका के नए दृष्टिकोण से, इस संकलन के साथ, भारत के श्रेष्ठ साहित्य की विशाल निधि में वृद्धि हुई है। यह पुस्तक भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को समृद्ध बनायेगा। 

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Amita Nathwani

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