Pingal Ramayan ki kahaniyan II
Through these 45 stories from the Pingal Ramayana, divided chronologically into three books, one feels transported back in time as the tales become alive before our eyes. These stories, richer in detail than the original Ramayan, reveal episodes we have not known.
Through these stories, we witness the Gods’ tribulations under Ravan, their plea to Brahma and Vishnu for help. Through their help, we see the empowerment of Kishkindha’s mighty monkey rulers like Bali and Sugriva. Discover their lost civilisation once again. Shukracharya’s guidance to Kali and Shani brings disorder, leading to Ram, Sita, and Lakshman’s exile. Their peaceful sojourn is shattered by Ravan’s brutal kidnapping of Sita and the consequences that arose.
After Lord Ram’s victory, and their victorious homecoming, Sita is abandoned near Valmiki’s Ashram, tarnished by evil stories fuelled by dark forces. Facing challenges from Kali and Shani, King Ram establishes a realm of peace, prosperity, and divinity, creating a true heaven on earth.
पिंगल रामायण की कहानियाँ - II
पिंगल रामायण अनोखा है और इसका कथन आश्चर्यजनक रूप से रुचिकर है। यह समय के ब्रह्मांडीय चक्र की पृष्ठभूमि तथा उसमें निहित प्रकृति के अदृष्ट बलों की क्रीड़ा उपलब्ध करता है, जो घटनाक्रमों को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं और स्वल्प अवधि के लिए सफल भी हो जाते हैं। पृष्ठभूमि में कलि, शनि और शुक्राचार्य के नकारात्मक बलों द्वारा निभाई गई भूमिकाओं की विस्तारपूर्वक व्याख्या की गई है, जिन्होंने राम के जीवन में घटनाओं को अविश्वसनीय मोड़ दिया।
उनके अनिवार्य अस्थायी निवास, वन में श्री राम, लक्ष्मण और सीता के साथ बहुत से ऋषि और उनके पुत्र भी थे। उन्होंने उनके साथ अत्यंत प्रसन्नतापूर्वक समय व्यतीत किया और बहुत सी पौराणिक कहानियों से अवगत हुए जिनसे उन्हें प्रेरणा मिली। उन्होंने ध्रुव के बारे में सुना कि कैसे उसने पाँच वर्ष की आयु में वन-गमन किया और अपनी आध्यात्मिक तपस्या आरंभ की।
रावण इतना शक्तिशाली था कि तीनों लोकों पर उसका पूर्ण नियंत्रण था। जब श्रीराम को ज्ञात हुआ कि सीता खो गई हैं, तब यह पता लगान बहुत कठिन था कि वे कहाँ थीं। उस समय, किष्किंधा के राजा, सुग्रीव ने यह पता लगाने का कार्यभार लिया कि वे कहाँ छुपाई गई थीं। उनके सभी सैनिकों के बीच, हनुमान को यह पता लगाने का आदेश दिया गया कि रावण ने उन्हें बंदिनी बना कर लंका में रखा था या नहीं। लंका पहुँचने के लिए समुद्र पार करने में सक्षम होने के लिए, उन्हें श्रीराम द्वारा अतिरिक्त शक्ति प्रदान की गई। राम नाम का जाप करते हुए और उनके शुभाशीषों द्वारा इसे करना संभव हुआ। उन्होंने बृहद् आकार धारण किया और इतनी शक्ति प्राप्त की कि वे समुद्र से ऊपर बने रहने में और किसी भी बल से युद्ध करने में सक्षम हुए, जिन्होंने उन्हें पराजित करने का प्रयास किया। इसने उनके कार्य को सफल बनाया।
हमें यह भी ज्ञात होता है कि हनुमान ने कैसे क्रूर रावण और उसके सैनिकों से प्रतिशोध लेने का प्रबंध किया। उन्होंने हनुमान के साथ तिरस्कार और घृणा का व्यवहार किया था, और उनकी पूंछ में आग लगा कर दंडित करने का प्रयास किया। हमें ज्ञात होता है कि कैसे आग लगी पूंछ के साथ, कैसे उन्होंने उस द्वीपीय साम्राज्य के उत्कृष्ट भवनों को जला डाला। उन्होंने इस उपाय से वास्तव में आनंद उठाया।
एक बड़ी समस्या यह थी कि सेना को लंका कैसे पहुँचाया जाए, क्योंकि एक विशाल समुद्र को पार करना था? यह एक बड़ा अवरोध था जिसे कोई भी अन्य व्यक्ति पार नहीं कर सकता था। अंत में, समुद्र के देवता, वरुण ने सुझाव दिया कि उन पत्थरों से एक सेतु का निर्माण किया जा सकता था, जिन पर श्रीराम का नाम था, क्योंकि वे समुद्र के ऊपर तैरेंगे और गहरे समुद्र के तल में नहीं डूबेंगे, और यह भी कि नल और नील की सहायता से उन्हें उनके समान दूसरे पत्थरों के साथ बांधा जा सकता था और इस प्रकार पूरी सेना के लिए रावण के द्वीपीय साम्राज्य के द्वार तक चल कर जाने के लिए, एक दृढ़ आधार उपलब्ध किया जा सकता था।
लंका युद्ध के दौरान, रावण का शक्तिशाली पुत्र मेघनाद ने बाण चलाए जिससे सर्पों ने आकर राम की समस्त सेना को बांध कर असहाय बना दिया। स्थिति इतनी खराब थी कि उनके जीवित रहने की आशा बहुत कम थी क्यों कि यह सर्प उन्हें कुचल कर उनकी मृत्यु और उन्मूलन का कारण बन रहे थे। उस समय श्री राम ने विशाल पक्षी गरुड़ के बारे में सोचा जो उनका विश्वसनीय भक्त था। जैसे ही वह प्रकट हुआ, सर्प इतने भयाक्रांत हो गए कि वे उस दृश्यावली से लुप्त हो गए और इस प्रकार समस्त सेना उस यातना तथा सुनिश्चित मृत्यु से बच गई।
इस भाग में बहुत सी अन्य कहानियाँ सम्मिलित हैं, जो आपको मंत्रमुग्ध बनाए रखेंगी। यह कहानियाँ अद्वितीय हैं। आप निम्नलिखित घटनाओँ के बारे में विस्मयकारी तथ्य पढ़ेंगे - ध्रुव की तपस्या, माया सीता की हत्या, और लक्ष्मण द्वारा मेघनाद वध।
यदि आप इस नए रामायण की घटनाओं के बारे में पढ़ना चाहते हैं, आप हिंदी में पिंगल रामायण को पढ़ सकते हैं जहाँ यह सभी और अन्य बहुत सी कहानियाँ सम्मिलित की गई हैं। आप रामायण के इस नवीनतम संस्करण को पढ़ कर आनन्द अवश्य प्राप्त करेंगे।
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