देवायण ब्रह्म कल्प : खंड 1 भाग 3

प्रगाथा मंडल कण्व ऋषि के परिवार, तथा गाथिनी के साथ उनके पुत्र प्रगाथा के विवाह का वर्णन करता है। नकारात्मक बलों के षड़यंत्र के कारण, वे अनजाने में, लौह युग के स्वामी, कलि के माता–पिता बन जाते हैं। इस तरह, ऋषियों के बीच जन्मा कली, उनके बीच उपद्रव की सृष्टि करता है। यह पुस्तक कलि के शैशव की विस्तृत कहानियों और शुक्र तथा शनि द्वारा उसे घोर दिव्य–विरोधी  बनाने के लिए प्रशिक्षित किए जाने को आवृत्त करती है। वह मिथ्या और जालसाजी द्वारा इंद्र के स्वर्ग से निर्वासन और अहल्या के पाषाण में बदले जाने का प्रबंध करता है। अन्य कई घटनाक्रमों के बीच, यह त्रिता और द्विता के जन्म का विवरण भी देती है, जो त्रेता और द्वापर युगों के दौरान कलि के प्रभाव को कम करते हैं। 

Title : Devayana Vol 1.Part 3 (in Hindi) | Author : Dr.Hajari | Pages : 340 | Edition : Paperback | Price : Rs.600/-| ISBN : 978-81-9408-091-6 | Subject : Hinduism | Year of Publication: 2019

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Ms. Jyotsna Khandelwal

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Amita Nathwani
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